tag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post3954855364943480476..comments2023-04-13T14:44:36.920+05:30Comments on कुछ तो है.....जो कि ! *: अप्रासँगिक स्वगत कथनडा. अमर कुमारhttp://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-24914910573876385912009-05-08T13:33:00.000+05:302009-05-08T13:33:00.000+05:30आपको किसने बरगलाया की यहाँ बाकी प्रसांगिक सा कुछ क...आपको किसने बरगलाया की यहाँ बाकी प्रसांगिक सा कुछ कह रहे हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-25364473589088637792009-05-08T10:43:00.000+05:302009-05-08T10:43:00.000+05:30@ हिमाँशु आज बताता हूँ, मास्टर जी ठहरे गुरुपद पर.....<I> @ हिमाँशु आज बताता हूँ, मास्टर जी ठहरे गुरुपद पर.. सो हम न उलझे ! शहीद स्व. रामप्रसाद ’ बिस्मिल’ जी को होली की शुभकामनाओं के सँग पीछा करने का न्यौता भी दे आये । तब से मैंने उस अमर शहीद के आत्मकथा की आगे की कड़ियाँ रोक रखी हैं !<br />किसी कविता को टपा कर लाये जाने की निराधार शँका कर मुझे नीचा दिखा लो, भाई .. पर हुतात्मा की अवमानना में मुझसे भागीदारी न करवाओ ।<br />इस पीछा करो लटके के निहितार्थ क्या है, . यह समझे बिना बिस्मिल कैसे पीछा करते ? जिसके पीछे पड़े थे, वह तो भारत छोड़ गया ।<br />मेरे घाव फिर से हरे कर देने का आपका धन्यवाद बनता है, हिमाँशु !<br /></I>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-83949237837533391442009-05-08T09:12:00.000+05:302009-05-08T09:12:00.000+05:30डिसिप्लिन तो हमारे टाट पट्टी वाले स्कूल का भी था ।...डिसिप्लिन तो हमारे टाट पट्टी वाले स्कूल का भी था । टाट-पट्टी-पंक्ति थोड़ी भी इधर उधर हुई कि श्रीराम मास्साब कनपट्टी चढ़ा देते थे । हाँ डिसिप्लिन तो एक रुपया दस पइसा की फीस में था, मजाल है कि पाँच तारीख निकल जाय सामने से । <br /><br />और ये हमरे प्राइमरी के मास्टर को का होइ गवा ? कहत हैं अपने को प्राइमरी कै मास्टर और पानी भरत हैं इंग्लिस स्कूल कै डिसिपिलिन के समने । <br />अपने प्राइमरी के श्रीराम मास्साब से मिलवाय देइ का !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-54392434447103584502009-05-08T06:41:00.000+05:302009-05-08T06:41:00.000+05:30हम तो खुद टाट पट्टी पर पढ़े हैं मगर इस तरह बीच में ...हम तो खुद टाट पट्टी पर पढ़े हैं मगर इस तरह बीच में कूद प़अने का विचार तो सपने में भी नहीं आ सकता...पंडिताईन ने कमान जरा हल्के थामी दिखे है...शुरु में प्रेम पगुआई ठीक से समझ न पाईं होंगी..अब भी क्या बिगड़ा है..फोन लगाना पड़ेगा उनको.<br /><br />क्या बात होगी..वो क्यूँ बताऊँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-50870203844986563292009-05-07T17:44:00.000+05:302009-05-07T17:44:00.000+05:30कुच्छौ समझ नही आया -जो समझे वू महान लोग हैं ! अब इ...कुच्छौ समझ नही आया -जो समझे वू महान लोग हैं ! अब इस तरह का लेखन कहीं इकसटिंट न हो जाए -भैये इस प्रजाति को बचाना जरूरी है जरा इसे रेड लिस्ट में लो और टिप्पणियाँ और डालो !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-74207336581787931072009-05-07T14:57:00.000+05:302009-05-07T14:57:00.000+05:30अँग्रेज़ी स्कूल है, कोई मज़ाक बात थोड़े है ? बात तो स...अँग्रेज़ी स्कूल है, कोई मज़ाक बात थोड़े है ? बात तो सही है ! कौनो सेंट बोरिस स्कूल थोड़े न है. http://ojha-uwaach.blogspot.com/2008/09/blog-post.htmlAbhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-49166598766393695592009-05-07T13:49:00.000+05:302009-05-07T13:49:00.000+05:30बाई सफाई करके गई है,श्रीमती जी की सुबह की शिफ्ट सम...बाई सफाई करके गई है,श्रीमती जी की सुबह की शिफ्ट समाप्त। <br />हम बोले। वोट दे आएँ? <br />जवाब है -सोने का वक्त है। <br />हम क्या कहते- चलो सो लो बाद में दे आएँगे। <br />हम कम्प्यूटर पर आ कर बैठे हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-83674157678375063172009-05-07T13:48:00.000+05:302009-05-07T13:48:00.000+05:30सच्ची बात है भइये !! अंगरेजी स्कूलों का डिसिप्लिन ...सच्ची बात है भइये !! अंगरेजी स्कूलों का डिसिप्लिन है !!<br /><br /><br /><A HREF="http://primarykamaster.blogspot.com/" REL="nofollow">प्राइमरी का मास्टर</A><A HREF="http://fatehpurcity.blogspot.com/" REL="nofollow">फतेहपुर</A>प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-40482041502493292802009-05-07T13:28:00.000+05:302009-05-07T13:28:00.000+05:30एक कम्प्यूटर क्लीनिक में भी लगवा लीजिए, बीच बीच...एक कम्प्यूटर क्लीनिक में भी लगवा लीजिए, बीच बीच में अप्रासंगित बातें और भी हो जाया करेंगी।<br /><br />-----------<br /><A HREF="http://sciblogindia.blogspot.com/" REL="nofollow">SBAI</A> <A HREF="http://tasliim.blogspot.com/" REL="nofollow">TSALIIM</A>adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-25255999706757769002009-05-07T13:02:00.000+05:302009-05-07T13:02:00.000+05:30मुझे भी तो मऊ नाथ भँजन वाले स्कूल में बैठने के लिय...मुझे भी तो मऊ नाथ भँजन वाले स्कूल में बैठने के लिये अपने संग टाट-पट्टी ले जानी होती थी ! "<br /><br />गुरुजी अब तो आप हम बच गये हैं. टाटपट्टियां तो कब की हवा हुई?:)<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.com