tag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post8911664827289627570..comments2023-04-13T14:44:36.920+05:30Comments on कुछ तो है.....जो कि ! *: काहे भाई , काहे परेसान हो ?डा. अमर कुमारhttp://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-47274337738928933372008-06-15T07:28:00.000+05:302008-06-15T07:28:00.000+05:30बुशजी बुरा नहीं मानेंगे काहे से कि इसे पढ़ ही न पाय...बुशजी बुरा नहीं मानेंगे काहे से कि इसे पढ़ ही न पायेंगे।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-14433354741293347662008-06-15T18:49:00.000+05:302008-06-15T18:49:00.000+05:30@ अनूप जीअरे भईय्यू,बिल्कुल खांटी पोस्ट है, और अपन...@ अनूप जी<br>अरे भईय्यू,<br>बिल्कुल खांटी पोस्ट है, और अपना काम कर चुकी है ! ब्लागस्पाट के <br>निगरानी होती है, ऎसा मेरे एक भारतीय अमेरिकी मित्र ने जनवरी में इशारा दिया था । <br>और मैंने परख भी लिया । पर सनसनी फैलाना अपना काम नहीं है । निशाख़ातिर रहो कि ब्लागर पर <br>हिंदी में लिखने वाले भले भूले भटके यहाँ आयें लेकिन पढ़ने वालों में शायद आप दूसरे व्यक्ति ही होंगे । इससे पहले ही यह पढ़ी जा चुकी होगी । माई कसम !<br>हाथ कंगन को परखने के लिये आप ठेठ अवधी में एक मेल <a>president@whitehouse.gov</a> पर पठाय के देख लो, ज़वाब आता है कि नहीं ? तुम्हार कोऊ का कर लेहे !Anonymousnoreply@blogger.com