tag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post900226959042188781..comments2023-04-13T14:44:36.920+05:30Comments on कुछ तो है.....जो कि ! *: फिर छिड़ी यार...बात ऽ ऽ मूँछों की ..ऽ ...ऽडा. अमर कुमारhttp://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-11348663565173523032008-03-30T11:05:00.000+05:302008-03-30T11:05:00.000+05:30सुझाव शिरोधार्य, मित्रवर, इतनी बेबाक टिप्पणियों की...<B>सुझाव शिरोधार्य, मित्रवर,</B> <BR/><BR/>इतनी बेबाक टिप्पणियों की ही आवश्यकता है मुझे । <BR/>यह तो पता चले कि लोचा कहाँ है ? <BR/>मैं तो बारंबार आग्रह कर रहा हूँ कि कोई कुछ बताये तो सही ! <BR/>प्रिंट मीडिया से यहाँ बहुत अंतर है, प्रभु । <BR/><I><A>यहाँ तो आप स्वयं ही लेखक,संपादक, डिज़ाइनर,प्रूफ़रीडर और प्रकाशक हैं ।</A> </I><BR/>और सीमित संसाधनों में अच्छे परिणाम निकाल पाना कितना दुरूह है, बस पूछो मेरे दिल से ! <BR/><BR/>यह वाह-वाह , बहुत ख़ूब जैसी टिप्पणियाँ बटोरने में तो भली लगती हैं <BR/>किंतु वस्तुतः यह टाफ़ी की तरह दीर्घकालीन उपयोग में हानि पहुँचाती हैं । <BR/><I>वैसे भी इंटरनेट एक्सप्लोरर से मेरा मोहभंग होही रहा था क्योंकि कल की ही बात है, <BR/>बार बार प्रयास करने पर भी अनवरत दिखाने से मना कर रहा है ।</I><BR/><B>आपकी आज़ की टिप्पणी मेरेलिये अनमोल है ।</B> <BR/>दक्षिणा फिर कभी । <BR/>अभी तो इतना ही कह सकता हूँ कि<BR/><A><I><B> ख़ूब जमेंगा रंग, जब मिल बैठेंगे तीन यार..आप, मैं और ब्लागर । </B></I></A><BR/>लाइवराइटर से प्रकाशित करता हूँ तो यह परिणाम दृष्टिगोचर होता है, क्यों ? <BR/>यह तो कोई पुरोधा ही बता सकेगा । <BR/><A><I>आज़ ही फ़ायरफ़ाक्स महोदय को स्नेह निमंत्रण भेजता हूँ ।</I></A> <BR/>मेरा अभिवादन स्वीकार हो, बंधु !डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2018512552827670142.post-85362614987979970072008-03-30T09:06:00.000+05:302008-03-30T09:06:00.000+05:30डॉ. साहब। मूंछ का मजा हम ने हमेशा ही औरों का लिया ...डॉ. साहब। मूंछ का मजा हम ने हमेशा ही औरों का लिया अपन ने तो उसे बढ़ने ही नहीं दिया,उगते ही साफ।<BR/>आप पोस्ट में एक ही साइज का फोंट इस्तेमाल करें तो अच्छा। अधिकतर पाठक फायरफाक्स प्रयोग करते हैं। उस पर बड़ी साइज के फोंट मिक्स होजाते हैं और मात्राओं के गोले दिखाई देते हैं। पोस्ट पढ़ने में नहीं आती। पाठक छोड़ कर चल देता है। <BR/>यह वर्ड वेरीफिकेशन आप की पोस्ट पर टिपियाने में परेशानी करता है। सीधे इनस्क्रिप्ट से टाइप करने वालों को अंग्रेजी मोड में आने में परेशानी होती है। इसे हटा ही दें। समय भी लगता है। और समय तो आप जानते हैं लोगों के पास है ही कितना?<BR/>यह पोस्ट भी मैने इंटरनेट एक्सप्लोरर में जा कर पढ़ी है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com