जब जब जीवन में
प्रश्न खड़े हों
जब जब दोराहे पर
ठगे खड़े हों
पार्थ औ' सारथी
सुदूर खड़े हों
अपने अंतर्मन में निहित ईश्वर की,
औ' अंतरात्मा को ही परमात्मा जान
सच्चे मन से बात सुनें
इस सर्वव्यापी सत्य और
इस अविनाशी की सुनें
' न केवल नया पथ फूटेगा,
अपितु रास्ते का पत्थर ही, स्वयं
एक प्रशस्त मार्ग का, सीढ़ी बनेगा
क्योंकि ईश्वर आप जैसों ही
धरती पर रच रहा है
अपने अस्तित्व का संदेश लिये
नई आस, नये विश्वास औ'
नये उमंगों का उन्मेष लिये
नव संवत्सर, नयी उपलब्धियों से
सबका जीवन परिपूर्ण करे
ईश्वर का आशीष
सबको सुख-आनंन्द से सम्पन्न करे
इन्हीं सदिच्छाओं के साथ
नववर्ष की हार्दिक बधाई !
नववर्ष मंगलमय हो
अमर
2 टिप्पणी:
बढ़िया...आपको भी नववर्ष की हार्दिक बधाई.
आप को भी नववर्ष की बधाई। तेरह अप्रेल के नववर्ष के लिए एडवांस में भी।
लगे हाथ टिप्पणी भी मिल जाती, तो...
जरा साथ तो दीजिये । हम सब के लिये ही तो लिखा गया..
मैं एक क़तरा ही सही, मेरा वज़ूद तो है ।
हुआ करे ग़र, समुंदर मेरी तलाश में है ॥
Comment in any Indian Language even in English..
इन पोस्ट को चाक करती धारदार नुक़्तों का भी ख़ैरम कदम !!
Please avoid Roman Hindi, it hurts !
मातृभाषा की वाज़िब पोशाक देवनागरी है
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