दौड़ आये यहाँ तक , भला इससे ज़्यादा मसालेदार औरत कहीं और देखा है ?
तो अब इस फोटोब्लाग पर देख लेयो और कृतार्थ करो ! आपको कैसा लगा यह आइडिया ?
फ़ीड सदस्यता | फेसबुक | ट्विटर | मल्टिप्लाई | चिट्ठाजगत | ब्लागवाणी
जो इन्सानों पर गुज़रती है ज़िन्दगी के इन्तिख़ाबों में / पढ़ पाने की कोशिश जो नहीं लिक्खा चँद किताबों में / दर्ज़ हुआ करें अल्फ़ाज़ इन पन्नों पर खौफ़नाक सही / इन शातिर फ़रेब के रवायतों का बोलबाला सही / आओ, चले चलो जहाँ तक रोशनी मालूम होती है ! चलो, चले चलो जहाँ तक..
पोस्ट सदस्यता हेतु अपना ई-पता भेजें
दौड़ आये यहाँ तक , भला इससे ज़्यादा मसालेदार औरत कहीं और देखा है ?
तो अब इस फोटोब्लाग पर देख लेयो और कृतार्थ करो ! आपको कैसा लगा यह आइडिया ?
.
.
Magazine WP Themes
हिन्दीकरण © डा० अमर कुमार
August 2009
1 टिप्पणी:
बढ़िया !
घुघूती बासूती
लगे हाथ टिप्पणी भी मिल जाती, तो...
जरा साथ तो दीजिये । हम सब के लिये ही तो लिखा गया..
मैं एक क़तरा ही सही, मेरा वज़ूद तो है ।
हुआ करे ग़र, समुंदर मेरी तलाश में है ॥
Comment in any Indian Language even in English..
इन पोस्ट को चाक करती धारदार नुक़्तों का भी ख़ैरम कदम !!
Please avoid Roman Hindi, it hurts !
मातृभाषा की वाज़िब पोशाक देवनागरी है
Note: only a member of this blog may post a comment.