माई एक्सपेरिमेन्ट्स विथ एच०टी०एम०एल० !
अच्छा भला, गाहे बगाहे, मन की मौज में कागज कलम लेकर बैठ जाता था । अब यह नया चस्का अनंत गलतियों एवं पुनर्प्रयास ( Trial & Error ) से थकाने वाला है । स्वाध्याय के भी अपने नुकसान और फ़ायदेहैं, पूरी तौर पर धैर्य की परीक्षा ! देखना है कितना जोर बाज़ुये क़ातिब में है
सो मेरा काम ज़ारी है, त्रुटियों पर आपकी ऊंगली उठे एवं सुधार की ग़ुंज़ाइश बतायी जाए, ऎसी इच्छा है
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लगे हाथ टिप्पणी भी मिल जाती, तो...
जरा साथ तो दीजिये । हम सब के लिये ही तो लिखा गया..
मैं एक क़तरा ही सही, मेरा वज़ूद तो है ।
हुआ करे ग़र, समुंदर मेरी तलाश में है ॥
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इन पोस्ट को चाक करती धारदार नुक़्तों का भी ख़ैरम कदम !!
Please avoid Roman Hindi, it hurts !
मातृभाषा की वाज़िब पोशाक देवनागरी है
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