अब देखें कि आतंकी हमला हुआ कैसे और उसका टार्गेट क्या था? हमले की रात हमलावरों ने १३ स्थानों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी. पहला हमला रात के ९.२१ पर सीएसटी स्टेशन पर हुआ. पहले हमले के लिए सीएसटी को ही क्यों चुना गया? क्योंकि वे हमले की शुरूआत किसी ऐसे प्रतीक से करना चाहते थे जो उनके मंसूबों का संदेश दे सके. इसके बाद हमलावरों ने कुल सात जगह विस्फोट किये. एक होटल ताज के बाहर, एक मझगांव में, तीन ओबेराय होटल के बाहर और एक विलेपार्ले टैक्सी में. कामा अस्पताल सहित कई जगहों पर हैण्डग्रेनेड फेंके गये. होटल ताज, ओबे
Technorati Tags: 27 नवम्बर 2008,आतंकवाद,होटल ताज,लचर व्यव्यस्था,प्रेम शुक्ल,युसुफ मुजम्मिल,जाकिर-उर-रहमान,कुबेर
सौजन्य: आतंकी हमला हुआ कैसे ? मूल आलेख: प्रेम शुक्ल<premshukla@rediffmail.com>मूल असंपादित चित्र: Boston.com
13 टिप्पणी:
बहुत विस्तृत विवरण दिया आपने..
इन सबमे ग़लती किसी एक की नही है.. दरअसल सारा सिस्टम ही खराब है.. और सिस्टम को चलाने वाले भी हम ही लोग है.. एक चेन है जिसकी हम सब कड़िया है.. एक भी कड़ी टूटी तो चेन टूट जाएगी.. वक़्त है हर एक कड़ी को मजबूत बनने का हर कड़ी मजबूत होकर दूसरी कड़ी का साथ दे तभी कुछ बदलाव आ सकता है..
देश को बदलाव की ज़रूरत है..
गुरुवर .आज से ९ महीने जिसे नाकारा कह कर पुकारा जाता है उस यू पी पुलिस की एस टी ऍफ़ फाॅर्स ने इनके कई आदमी पकड़े थे जिन्होंने साफ़ साफ़ कहा था की मुंबई ताज ,ओबेराय ओर हाजी अली पर हमला करने की योजना है .उनके पास से नक्शे तक बरामद हुए थे ओर सारी जानकारी मुंबई पुलिस ओर ऐ टी एस को दी गई थी पर शायद उनकी जानकारियों को गौर से नही लिया गया ,न तवज्जो दी गई ठीक उस मछुआरे की गुहार की तरह........ये इंटेलिजेंस फेलियर नही.....अपने काम के प्रति लापरवाही का द्रश्य है ....कितने हिंट मिले थे ...बाकि .आपने विस्तार से बताया ही है .
इसके लिए बहुत बडी तैयारी और प्रोफेशनलिजम की जरूरत है।
माननीय, मैं तो सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि यह एक आपराधिक लापरवाही है, जिन अधिकारियों, जिन मन्त्रियों के द्वारा यह की गयी है, उनके ऊपर भी हत्या का मुकदमा चलना चाहिये. बिल्कुल वैसी ही जैसी कि स्व०हेमंत करकरे साहब द्वारा रा में रहते की गयी थी(विस्फोट.काम पर विवरण उपलब्ध). लेकिन आपने बहुत सटीक तरीके से जानकारी दी. धन्यवाद.
ये पोस्ट अनुराग जी द्बारा आज मिला था. विस्तृत जानकारी के लिए आभार.
सही सवाल उठाया है आपने
आपने विस्तृत जानकारी दी है, बहुत-बहुत धन्यवाद
commen man से सहमति
असल जड़ यह है की हमारे रक्षक कोई भी एडवांस में मिली जानकारी को गंभीरतापूर्वक नही लेते ! डा, अनुराग जो कह रहे हैं वो सही बात है ! बात को टालने की आदत का खामियाजा जनता को ही भुगतना पङता है ! हमारे यहाँ जब सर पर पड़ती है तभी सरकार भी हरकत में आती है !
आज सुचना इकट्ठी करने में जनता का सहयोग लेकर और समय रहते उन पर अमल करने का समय आगया है ! आप अगर यह सोचते हैं की मुट्ठी भर इंटेलिजेंस के लोग १.१ अरब लोगो की सूचना दे सकते हैं तो यह मजाक ही माना जायेगा !
आपने नितांत सटीक जानकारी दी है ! इसके लिए धन्यवाद !
हम तो हर सूचना को तकिये की रूई समझ कर आराम से सोते हैं।
बहुत विस्तृत और जरूरी रिपोर्ट है। वह हमारी तैयारियों की पोल खोलती है। जब तक आतंकवाद से निपटने के लिए कोई केन्द्रीय दल नहीं होगा निपटना कठिन है। इसे केन्द्रीय विषय ही बनाना होगा।
गुरु जी आप ने बिलकुल सही फ़रमाया, अगर पहले से ही सब पता था तो भी.... दुसरा इस मै जितने भी लोग लापरवाही के दोषी हो उन पर भी, ओर जिन स्थानिया लोगो ने मदद की हओ उन पर भी देश्द्रोही का मुकदमा चलना चाहिये ओर फ़ेसला झट होना चाहिये, लेकिन फ़िर वोट का चक्कर कोन करेगा यह सब चक्कर...
वेसे यह तो सभी कहते है कि इतना बडा हमला बिना भेदी के नही हो सकता.
धन्यवाद
मसले पर और रोशनी डालने का शुक्रिया. हमारा अपना भ्रष्टाचार, निकम्मापन और बडबोलापन ही काफी है हमें डुबोने को, विदेशी आतंकवाद तो एक बहाना भर है!
sach kah rahe hain!!!
प्राइमरी का मास्टर
Your writing is effective. Great!
About the comment you made on awargi - its a Ghazal whose radeef is "awaargi". If you isten to this Ghazal, you will understand what I mean to say. Its awesom. Check on youtube.
God bless
RC
लगे हाथ टिप्पणी भी मिल जाती, तो...
जरा साथ तो दीजिये । हम सब के लिये ही तो लिखा गया..
मैं एक क़तरा ही सही, मेरा वज़ूद तो है ।
हुआ करे ग़र, समुंदर मेरी तलाश में है ॥
Comment in any Indian Language even in English..
इन पोस्ट को चाक करती धारदार नुक़्तों का भी ख़ैरम कदम !!
Please avoid Roman Hindi, it hurts !
मातृभाषा की वाज़िब पोशाक देवनागरी है
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