मोबाइल के उपयोग एवं ड्राइविंग के समय टेप से छेड़छाड़ ( डा. अनुराग ) के बाद आपकी उनकी चटर चटर ही एक्सीडेन्ट का एक और मुख्य कारण है ! अपुन के उल्हासनगर के कारग़ुज़ारों ने अनोखा सीट-बेल्ट इज़ाद किया है, जी हाँ.. ख़ालिस Made in USA ! बगल में बैठी ख़ूबसूरत दुर्घटना से आपका कान औ’ ध्यान सुरक्षित .. फिर अगली कोई अनहोनी तो अन + होनी ही समझिये ! पेटीकोट सरकार मान्यता प्राप्त है यह !
इसकी अग्रिम बुकिंग धड़ल्ले से चल रही है, संपर्क करें – अभिषेक ओझा, अथवा श्री ताऊ रामपुरिया इंदौर वाले
8 टिप्पणी:
दाँव अगर उल्टा पड़ा तो...............
खतरनाक है, चालक को नींद आने लगी तो जगाने का साधन तो बेल्ट में बंद है।
यह इक्कीसवी सदी का महानतम आविष्कार है !
दिनेशजी की बातों में भी दम है, इस बेल्ट को लगाने के बाद जगाने का साधन बहुत कम है
क्यू गड़बड़ करवा रहे है डा. साहब... अनुराग जी क़ी तो हम पर इनायत ही तभी होती है जब वो गाड़ी चलाते है.. और रही बात इस बेल्ट क़ी.. तो अपनी श्रीमती जी को गाड़ी चलाने दिजिये उसके बाद ये समस्या नही रहेगी.. हम तो यही करते है..
बहुत सही...
पहले कई बार यह फोटू देख चुका हूँ लेकिन विवरण पढ़कर मज़ा आ गया। जब थीम खँगाल लें तो मुझे सूचित कर दे कि निष्कर्ष क्या रहा?
---मेरा पृष्ठ
गुलाबी कोंपलें
जे बात ठीक नही है गुरुदेव ... हम बाहर थे ओर आपने एक नया शगूफा छोड़ दिया .वैसे द्रिवेदी जी का कहना ठीक है की जगायेगा कौन ???????खैर इसके मुनाफे में कुछ प्रतिशत हमारी ओर ढलका देना ....नया मोबाइल ले लेगे....क्यों कुश भाई ठीक है न !
लगे हाथ टिप्पणी भी मिल जाती, तो...
जरा साथ तो दीजिये । हम सब के लिये ही तो लिखा गया..
मैं एक क़तरा ही सही, मेरा वज़ूद तो है ।
हुआ करे ग़र, समुंदर मेरी तलाश में है ॥
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इन पोस्ट को चाक करती धारदार नुक़्तों का भी ख़ैरम कदम !!
Please avoid Roman Hindi, it hurts !
मातृभाषा की वाज़िब पोशाक देवनागरी है
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