जो इन्सानों पर गुज़रती है ज़िन्दगी के इन्तिख़ाबों में / पढ़ पाने की कोशिश जो नहीं लिक्खा चँद किताबों में / दर्ज़ हुआ करें अल्फ़ाज़ इन पन्नों पर खौफ़नाक सही / इन शातिर फ़रेब के रवायतों का  बोलबाला सही / आओ, चले चलो जहाँ तक रोशनी मालूम होती है ! चलो, चले चलो जहाँ तक..

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19 January 2009

तुम पार नेट परमेश्वर तुम ही नेट पिता

Technorati icon

google-animated-holoween-logo 

ॐ जय गूगल हरे, स्वामी जय गूगल हरे
फ़्रस्ट (एटेड ) जनों के संकट, त्रस्त जनों के संकट
एक क्लिक में दूर करे
ॐ जय गूगल हरे…

जो ध्यावै सो पावै
दूर होवै शंका, स्वामी दूर होवै शंका
सब इन्फ़ो घर आवै, सब इन्फ़ो घर आवै
कष्ट मिटै मन का
ॐ जय गूगल हरे…

नेट पिता तुम मेरे
शरण गहूं किसकी, स्वामी शरण गहूं किसकी
तुम बिन और न दूजा, तेरे बिन और न दूजा
होप करूं किसकी
ॐ जय गूगल हरे…

तुम पूरन हो खोजक
तुम वेबसाइटयामी, स्वामी तुम वेबसाइटयामी
पार नेट परमेश्वर, पार नेट परमेश्वर
तुम सबके स्वामी
ॐ जय गूगल हरे…

तुम ब्लागर. के फ़ादर
तुम ही इक सर्चा, स्वामी तुम ही इक सर्चा
मैं मूरख हूं सर्चर, मैं मूरख हूं सर्चर
कृपा करो भरता
ॐ जय गूगल हरे…

तुम सर्वर के सर्वर
सबके डाटापति, स्वामी सबके डाटापति
किस विधि एन्टर मारूं, किस विधि एन्टर मारूं
तुममें मैं कुमति
ॐ जय गूगल हरे…

दीनबंधु दु:खहर्ता
खोजक तुम मेरे, स्वामी शोधक तुम मेरे
अपने फ़ण्डे दिखाओ, कुछ तो टिप्पणी दिलाओ
साइट खड़ा तेरे
ॐ जय गूगल हरे…

बोरियत तुम मिटाओ
टेंशन हरो देवा, स्वामी टेंशन हरो देवा
गूगल अकाउण्ट बनाया गूगल अकाउण्ट बनाया
पाया ब्लागिंग मेवा स्वामी पाया ब्लागिंग मेवा
जो नर ब्लागिंग धावैं करैं निजभाखा सेवा
ॐ जय गूगल हरे

go

26 टिप्पणी:

Anonymous का कहना है

जय हो!!

अब से यही आरती पढ़कर कम्प्यूटर चालू किया जायेगा.

मजेदार. जय हो पंडित जी की. :)

Anonymous का कहना है

जय हो , जॉय हो ,गूगल हो ,एन्जॉय हो बढिया गूगल स्तवन !

Anonymous का कहना है

चलिये, ब्लोगिंग के धर्मविश्वास भी जगने लगे. ऐसे ही किसी अमर कुमार ने असली आरती की शुरुआत की होगी-निट्ठले बैठ कर.

Anonymous का कहना है

जै जै, जैजै, जी की जैजै।

Anonymous का कहना है

गज़ब कर दिया डा साब,एकदम सही पर्चा लिख दिया।सब मर्ज़ की एक दवा अमर कुमार-अमर कुमार्।

Anonymous का कहना है

वाह भई गूगल देवता की जय!


लाजवाब रचना है, लिखते रहें

---
गुलाबी कोंपलें | चाँद, बादल और शाम | तकनीक दृष्टा/Tech Prevue | आनंद बक्षी | तख़लीक़-ए-नज़र

Anonymous का कहना है

शरण गहूं किसकी, 'स्वामी' शरण गहूं किसकी

बढ़िया आरती गढे हैं, सर. इसका पेटेंट करवा लीजिये नहीं तो गूगल का कोई कर्मचारी अन्तिम किसी लाइन में अपना नाम.....कहत जॉन्सन जेना सुख संपत पावे...टाइप से लगाकर अपने बॉस को सुना डालेगा. प्रमोशन के चक्कर में कर्मचारी कुछ भी कर सकता है....:-)

Anonymous का कहना है

गूगल देव के साथ साथ पंडित जी कि भी जय.. :)

Anonymous का कहना है

google dev ki jay....

Anonymous का कहना है

कट कॉपी पेस्ट कट कॉपी पेस्ट कट कॉपी पेस्ट कट कॉपी पेस्ट कट कॉपी पेस्ट कट कॉपी पेस्ट कट कॉपी पेस्ट कट कॉपी पेस्ट कट कॉपी पेस्ट कट कॉपी पेस्ट कट कॉपी पेस्ट :)

आप फिर शुरू हो गये..

Anonymous का कहना है

जय हो गूगल बाबा की

Anonymous का कहना है

"गूगल बाबा की आरती .....जय हो "

Regards

Anonymous का कहना है

कहाँ है चरण गुरु जी.......

Anonymous का कहना है

जो जी गूगल बाबा के प्रताप से एक टिप्पणी हमारी भी..........

Anonymous का कहना है

वाह वाह वाह !

Anonymous का कहना है


@ हिमाँशु जी.
ॐ जय जगदीश.. मूल आरती पंज़ाब के पंडित श्रध्धाराम जी ने 1881 में लिखी थी । देखें ॐ जय जगदीश हरे एवं प्रश्नावली !
एक ई-मेल से प्रेरित होकर दिवंगत महान आत्मा से क्षमायाचना सहित यह पैरोडी यहाँ स्वतः बन पड़ी है । अमर कुमार तो उनके सम्मुख कहीं नहीं ठहरते । वैसे आपका " निट्ठल्ले कहीं के " कहना बड़ा आनन्द देता है । मानों इस ब्लाग की थीम सार्थक हो गई हो !

@ शिवभाई,
अपुन का पेटेन्टवा में विश्वास नहीं है, वरना अवश्य करवा लेता । लीजिये यह आरती आपको ही समर्पित किया, आप जो चाहें, करें ।

@ डा० अनुराग,
भाई डाक्टर, अपने दोनों चरण तुमको कूरियर कर तो दिया है, छू-छा कर लौटती फ़र्स्ट-फ़्लाइट से वापस कर देना !

@ भाईकुश,
कापीइच तो नेंई होता, पर यह सामग्री चिट्ठाचर्चा पर दे दिया है, लूट सके तो लूट !


Anonymous का कहना है

गज़ब डाकसाब
गूगल महाराज की कृपा आप और हम पर सदा सदा बनी रहे

Anonymous का कहना है

वाह वाह!!

Anonymous का कहना है

जय हो जय हो जय हो
जय जय जय जय हो

Anonymous का कहना है

बहुत खूब डॉ. साब
नए युग की नई वंदना खूब लिखी है आपने

Anonymous का कहना है

c4blog gmail wale id pe mail kiye hai ji.. chk kariyega..

Anonymous का कहना है

बोले तो बिल्कुल मस्त /इस ब्लॉग का पता बहुत बिलम्ब से लगा फिर भी ठीक है देर आयद दुरुस्त आयद /प्रारंभिक कार्टून प्यारा / डाक्टर साहिब आप भी मज़ेदार हो ,होना भी चाहिए जी और क्या रखा है

Anonymous का कहना है

धन्य-धन्य महाराज| एक ही देवता की कई स्तुतियाँ भी हो सकतीं हैं , अवलोकन करें
आरती श्री गूगल महाराज की

Anonymous का कहना है

अमर जी,
गूगल देवता की आरती से मन गद गद हो गया ....जे गूगल देवा !!!!!!!!!!!!!

Anonymous का कहना है

wah aaj se mai computer prayog karne se pahle yah stuti gaan jarur karunga....jai ho...
aapke sujhav ke liye dhanyawaad.maine apne blog se yathasambhav java script aur anya tool ko hata diya hai....ab swagat hai aapka mere blog par aur aapke tippanio ka bhi besabri se intzaar rahega.

Himanshu Pandey का कहना है

क्या बात है ? आज बहुत सारी प्रविष्टियाँ पुरानी ही मेरी रीडिंग लिस्ट में दिख रही हैं। पुनः पोस्ट करने की कोई जरूरत ?

लगे हाथ टिप्पणी भी मिल जाती, तो...

आपकी टिप्पणी ?

जरा साथ तो दीजिये । हम सब के लिये ही तो लिखा गया..
मैं एक क़तरा ही सही, मेरा वज़ूद तो है ।
हुआ करे ग़र, समुंदर मेरी तलाश में है ॥

Comment in any Indian Language even in English..
इन पोस्ट को चाक करती धारदार नुक़्तों का भी ख़ैरम कदम !!

Please avoid Roman Hindi, it hurts !
मातृभाषा की वाज़िब पोशाक देवनागरी है

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यह अपना हिन्दी ब्लागजगत, जहाँ थोड़ा बहुत आपसी विवाद चलता ही है, बुद्धिजीवियों का वैचारिक मतभेद !

शुक्र है कि, सैद्धान्तिक सहमति अविष्कृत हो जाते हैं, और यह ज़्यादा नहीं टिकता, छोड़िये यह सब, आगे बढ़ते रहिये !

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